माना जा रहा है कि सरकार आगामी बजट में इसका ऐलान करने वाली है और अगर ऐसा हुआ तो इसके जरिए देश में कैश लेनदेन पर निश्चित तौर पर असर पड़ेगा।
दरअसल, अब बैंकों और एटीएम से कैश निकालने की सीमा बढ़ने के बाद कैश संकट खत्म होने से देश में नोटबंदी से पहले का लेनदेन का तरीका ही चलन में ना आ जाए, इस चिंता को दूर करने की कोशिश की जा रही है।
सरकार का मानना है कि डिजिटल पेमेंट को एप और पीओएस मशीनों के जरिए ही प्रमोट करना काफी नहीं है क्योंकि कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थिति खराब है।
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