याद दिला दें कि सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह तल्ख टिप्पणी की थी कि नोएडा अथॉरिटी और टोल ब्रिज कंपनी के बीच हुए मनमाने करार का खमियाजा आम जनता को भुगतने देना कतई ठीक नहीं है.
नोएडा को दिल्ली से जोड़ने वाले तकरीबन सवा नौ किलोमीटर लंबे डीएनडी फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य साल 1997 में शुरू हुआ था.
हालांकि, नोएडा अथॉरिटी से हुए मनमाने करार के चलते लागत कीमत बढ़ने से टोल कंपनी अब बत्तीस सौ करोड़ रुपये वसूलने की बात कह रही है.
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