अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा कि भारत, चीन, अमेरिका और रूस को आतंकवाद के खिलाफ अपनी असली लड़ाई के लिए हाथ मिलाना चाहिए और अमेरिका में सत्ता संभालने जा रहे डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन को पाकिस्तान के प्रति अमेरिका की मौजूदा नीति को बदलकर इस खतरे से निपटने में अपना संकल्प दिखाना चाहिए।
उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान को फिर से जिंदा करने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को दोषी ठहराते हुए कहा कि अमेरिका को पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों की गहराई से समीक्षा करनी चाहिए और क्षेत्र में आतंकवाद और चरमपंथ को शिकस्त देने के लिए भारत जैसे देशों का साथ देना चाहिए।
वहीं अकबर ने आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक वैश्विक कार्रवाई का आह्वान करते हुए इस बात पर जोर दिया कि ''भारत की जमीन के एक भी इंच से समझौता नहीं किया जाएगा।''
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