"खीची चौहान श्री लाखनराव जी के वंशज हैं।
ये राजस्थान के रहने वाले हैं,इनका गोत्र वत्स है।
राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच का क्षेत्र जो हाड़ोती से मिलता है अबतक खीचीवाड़ा कहलाता है,क्योंकि यहाँ खीची चौहानों के राज्य रहे हैं।
पन्ना धाय जिन्होंने महाराणा उदयसिंह जी की रक्षा के लिए अपने इकलौते पुत्र की बलि दिया था।
इसी वंश की थी।
इनकी रियासतें राघवगढ़,धरना वदा,गढ़ा, नया किला,मकसूदनगढ़,मावागढ़,असोथर राज परिवार (फतेहपुर), ग्वालियर के आसपास रहे।
ये राजस्थान के रहने वाले हैं,इनका गोत्र वत्स है।
राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच का क्षेत्र जो हाड़ोती से मिलता है अबतक खीचीवाड़ा कहलाता है,क्योंकि यहाँ खीची चौहानों के राज्य रहे हैं।
पन्ना धाय जिन्होंने महाराणा उदयसिंह जी की रक्षा के लिए अपने इकलौते पुत्र की बलि दिया था।
इसी वंश की थी।
इनकी रियासतें राघवगढ़,धरना वदा,गढ़ा, नया किला,मकसूदनगढ़,मावागढ़,असोथर राज परिवार (फतेहपुर), ग्वालियर के आसपास रहे।
असोथर राज्य में प्रसिद्ध एवं वीर प्रतापी राजा महाराजा भगवन्तराय जूदेव जी हैं। जिनका युद्ध दतिया के राजा रामचन्द्रराव,बुन्देलखण्ड के राजा दुर्जन सिंह जी तथा अवध के नवाब सआदत खाँ से फतेहपुर जिले के मुड़चौरा,कोड़ा जहानाबाद तथा थरियाँव के मैदान में हुआ था।
सभी युद्धों में महाराजा भगवन्तराय जूदेव जी विजयी हुए थे।
दतिया के युद्ध का नगाड़ा आज भी असोथर राज परिवार फतेहपुर में विजय स्वरूप सुरक्षित रखा है।
सभी युद्धों में महाराजा भगवन्तराय जूदेव जी विजयी हुए थे।
दतिया के युद्ध का नगाड़ा आज भी असोथर राज परिवार फतेहपुर में विजय स्वरूप सुरक्षित रखा है।
*## फतेहपुर "असोथर राज परिवार" में *खीची चौहान वंश की स्थापना ##*
जिस समय खींचीं चौहानों की असोथर राज परिवार फतेहपुर उत्तर प्रदेश में स्थापना हुई थी,उस समय मुगल बादशाह औरंगजेब दिल्ली का शासक था।
एक बार खिलचीपुर से खीची चौहान वंश के गुजारेदार परिवार के पांच सगे भाई कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर संगम (इलाहाबाद ) स्नान करने आरहे थे।
पूर्णिमा के दिन गौतम वंश के राजा अर्गल फतेहपुर उत्तर प्रदेश नरेश की रानी तथा उनकी पुत्री का डोला पचास सैनिक लेकर शिवराजपुर फतेहपुर गंगा स्नान के लिए लेजा रहे थे।
जी.टी.रोड चौडगरा में औरंगजेब की मुगल बादशाह की सेना के २५० सैनिकों की टुकड़ी आ पहुंची। वे अर्गल नरेश की पुत्री पदमा का डोला जबरन छीनकर लेजाना चाहा।
दोनों दलों की सेना का घोर युद्ध हुआ।
अर्गल के राजा के सभी सैनिक मारे गये।
केवल घायल अवस्था में दो सैनिक अर्गल पहुंच कर राजा साहब को सूचना दी।
अर्गल नरेश ने अपनी सेना की दो टुकड़ी चौडगरा व सिकठिया पुरवा के पास दोनों ओर से घेर कर औरंगजेब के सभी सैनिकों को मार गिराया।
इसके पहिले खिलचीपुर के सभी भाई पुत्री पदमा की पुकार सुनकर औरंगजेब की सेना से भिड़ गए थे।
और और लड़ते लड़ते घायल हो गए थे।
पर डोला उनसे छोड़ा लिया था।
फिर डोला सहित, उन घायल पाँच भाईयो को अर्गल ले जाया गया। अर्गल नरेश प्रसन्न हो कर पुत्री पदमा का विवाह सबसे छोटे भाई से कर दिया था।
दहेज में फतेहपुर से लेकर कड़ा (इलाहाबाद) तथा बांदा जिला के मर्का,कलाना, भभुवा,करछुली गाँव भी दहेज में दे दिया।
जमुना नदी के तट पर कोटवा नाम का गांव बसाकर किला बनवाया
दामाद महाराजा गज सिंह प्रथम शासक बने।
इनके वंशज कान्हदेव जी, कहानदेव जी, जाजदेव जी,कूरमदेव जी इत्यादि हुए।
श्रापवश कोटवा छोड़कर महाराजा हरिकेश सिंह उर्फ अड़ारू सिंह,गाजीपुर (फतेहपुर) दूसरा किला बनवाया।
जो पैनागढ़ के नाम से प्रसिद्ध है वहां से आकर असोथर तीसरा किला बनवाया।
इन्हीं महाराजा हरिकेश सिंह जूदेव के प्रतापी पुत्र महाराजा भगवन्तराय जूदेव जी है।
इनके वंशज निम्नलिखित हैं।
जिस समय खींचीं चौहानों की असोथर राज परिवार फतेहपुर उत्तर प्रदेश में स्थापना हुई थी,उस समय मुगल बादशाह औरंगजेब दिल्ली का शासक था।
एक बार खिलचीपुर से खीची चौहान वंश के गुजारेदार परिवार के पांच सगे भाई कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर संगम (इलाहाबाद ) स्नान करने आरहे थे।
पूर्णिमा के दिन गौतम वंश के राजा अर्गल फतेहपुर उत्तर प्रदेश नरेश की रानी तथा उनकी पुत्री का डोला पचास सैनिक लेकर शिवराजपुर फतेहपुर गंगा स्नान के लिए लेजा रहे थे।
जी.टी.रोड चौडगरा में औरंगजेब की मुगल बादशाह की सेना के २५० सैनिकों की टुकड़ी आ पहुंची। वे अर्गल नरेश की पुत्री पदमा का डोला जबरन छीनकर लेजाना चाहा।
दोनों दलों की सेना का घोर युद्ध हुआ।
अर्गल के राजा के सभी सैनिक मारे गये।
केवल घायल अवस्था में दो सैनिक अर्गल पहुंच कर राजा साहब को सूचना दी।
अर्गल नरेश ने अपनी सेना की दो टुकड़ी चौडगरा व सिकठिया पुरवा के पास दोनों ओर से घेर कर औरंगजेब के सभी सैनिकों को मार गिराया।
इसके पहिले खिलचीपुर के सभी भाई पुत्री पदमा की पुकार सुनकर औरंगजेब की सेना से भिड़ गए थे।
और और लड़ते लड़ते घायल हो गए थे।
पर डोला उनसे छोड़ा लिया था।
फिर डोला सहित, उन घायल पाँच भाईयो को अर्गल ले जाया गया। अर्गल नरेश प्रसन्न हो कर पुत्री पदमा का विवाह सबसे छोटे भाई से कर दिया था।
दहेज में फतेहपुर से लेकर कड़ा (इलाहाबाद) तथा बांदा जिला के मर्का,कलाना, भभुवा,करछुली गाँव भी दहेज में दे दिया।
जमुना नदी के तट पर कोटवा नाम का गांव बसाकर किला बनवाया
दामाद महाराजा गज सिंह प्रथम शासक बने।
इनके वंशज कान्हदेव जी, कहानदेव जी, जाजदेव जी,कूरमदेव जी इत्यादि हुए।
श्रापवश कोटवा छोड़कर महाराजा हरिकेश सिंह उर्फ अड़ारू सिंह,गाजीपुर (फतेहपुर) दूसरा किला बनवाया।
जो पैनागढ़ के नाम से प्रसिद्ध है वहां से आकर असोथर तीसरा किला बनवाया।
इन्हीं महाराजा हरिकेश सिंह जूदेव के प्रतापी पुत्र महाराजा भगवन्तराय जूदेव जी है।
इनके वंशज निम्नलिखित हैं।
(१) बरियार सिंह जी
(२) बरजोर सिंह जी
(३) दुनिया पति सिंह जी
(४) अजीत सिंह जी
(५) लक्ष्मीप्रसाद सिंह जी
(६) नरप सिंह जी
(७)कृष्णपाल सिंह जी
(८)विश्वनाथ सिंह जी
(९) विश्वेन्द्रपाल सिंह जी ( वर्तमान में हैं)
## जय माता भवानी की ##
##जय राजपूताना की ##
##जय महाराणा प्रताप सा की ##
बढ़िया है
ReplyDeleteIཽnཽtཽrཽeཽsཽtཽeཽdཽ sཽtཽoཽrཽyཽ
ReplyDeleteUmansh singh chauhan khichi vansaz
ReplyDeleteUmansh singh chauhan khichi chauhan vansaz
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